**हरियाणा संविदात्मक कर्मचारी (सेवा की सुनिश्चिता) विधेयक, 2021** एक महत्वपूर्ण कानूनी कदम था, जिसका उद्देश्य हरियाणा राज्य में संविदात्मक कर्मचारियों के अधिकारों की सुरक्षा करना और उन्हें नियमित सरकारी सेवाओं में समायोजित करने का एक रास्ता प्रदान करना था।
इस विधेयक का मुख्य उद्देश्य संविदात्मक कर्मचारियों की स्थिति को स्थिर और सुरक्षित बनाना था, ताकि वे अपने रोजगार के लिए शोषण से बच सकें और उनके पास भविष्य में स्थायी रोजगार की संभावना हो।
### मुख्य बिंदु:
1. **सेवा की सुनिश्चिता**: यह विधेयक संविदात्मक कर्मचारियों को सेवा की सुनिश्चिता प्रदान करने का प्रयास करता है, जिससे उनके अनुबंध की अवधि में और उसके बाद स्थायी सेवा का अवसर प्राप्त हो सके।
2. **संविदा कर्मचारियों का अधिकार**: यह विधेयक संविदात्मक कर्मचारियों को उनके कार्य के दौरान नियोक्ता द्वारा अनुचित तरीके से निकाले जाने से सुरक्षा प्रदान करता है।
3. **समय सीमा**: विधेयक के अनुसार, यदि कोई संविदा कर्मचारी एक निश्चित समय अवधि के लिए अपनी सेवाएं प्रदान करता है, तो उसे स्थायी सेवा में तब्दील किया जा सकता है।
4. **नियमितीकरण**: संविदात्मक कर्मचारियों को सरकारी विभागों में नियमित और स्थायी रोजगार की संभावना दी गई है, जिससे उनका रोजगार भविष्य में स्थिर हो सके।
5. **लाभ**: यह विधेयक कर्मचारियों को वेतन, भत्तों, कार्य की स्थिरता और अन्य सुविधाओं के मामले में समान अधिकार प्रदान करता है, जैसे कि नियमित कर्मचारियों को होते हैं।
### उद्देश्य:
- संविदात्मक कर्मचारियों के लिए बेहतर कार्य परिस्थितियाँ सुनिश्चित करना।
- कार्य में स्थिरता और सुरक्षा प्रदान करना।
- सरकारी विभागों में कार्यरत संविदात्मक कर्मचारियों की स्थिति को सुधारना और उन्हें न्यायसंगत अवसर प्रदान करना।
इस विधेयक के जरिए हरियाणा सरकार ने कर्मचारियों को अस्थिर संविदा रोजगार से स्थायी और सुरक्षित सरकारी सेवा में स्थानांतरित करने का प्रयास किया है।
**नोट**: विधेयक पारित होने के बाद, इसके लागू होने और संशोधनों की प्रक्रिया में कुछ समय लग सकता है, और यह राज्य सरकार की नीति के अनुसार लागू हो सकता है।