Government Scheme - भू-आधार: अब जमीन का भी बनेगा ‘आधार कार्ड’
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भू-आधार: अब जमीन का भी
बनेगा ‘आधार कार्ड’
अब जमीन का भी बनेगा ‘आधार
कार्ड’:
जैसे आधार कार्ड ने
देशवासियों की पहचान को सुनिश्चित किया है, वैसे ही अब भूमि की पहचान के लिए भी आधार कार्ड बनने जा रहा
है |
सरकार ने बजट 2024 में भूमि रिकॉर्ड डिजिटाइजेशन के तहत भू-आधार (Land
Aadhar Card) का प्रस्ताव रखा है |
इसे अगले तीन सालों में
लागू कर दिया जाएगा |
देखें इस पोस्ट में क्या
क्या है ?
ग्रामीण और शहरी भूमि का
होगा डिजिटलीकरण भू-आधार का महत्व कैसे काम करेगा भू-आधार?
भू-आधार से लाभ महत्वपूर्ण
लिंक्स
भू-आधार लागू होने की समय
सीमा
ग्रामीण और शहरी भूमि का
होगा डिजिटलीकरण
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों
में भूमि सुधार को लेकर सरकार ने बड़े कदम उठाए हैं
| ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि के लिए विशिष्ट पहचान संख्या (ULPIN)
प्रदान की जाएगी | वहीं, शहरी
भूमि का डिजिटलीकरण किया जाएगा, जिससे
भूमि अभिलेख (Records) जीआईएस
मैपिंग के साथ डिजिटल होंगे |
भू-आधार का महत्व
भू-आधार के तहत ग्रामीण
क्षेत्रों में जितनी भी भूमि है, उसे
14 अंकों की विशिष्ट पहचान संख्या मिलेगी |
इससे भूमि की पहचान, मानचित्रण, सर्वे, मालिकाना और किसानों का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा |
शहरी क्षेत्रों में भी
भूमि रिकॉर्ड्स को डिजिटल कर विवादों को खत्म करने का प्रयास किया जाएगा |
कार्यक्षेत्र उपाय
ग्रामीण भूमि विशिष्ट
पहचान संख्या (ULPIN)
शहरी भूमि डिजिटलीकरण और
जीआईएस मैपिंग
कैसे काम करेगा भू-आधार?
भू-आधार प्रक्रिया में
सबसे पहले GPS तकनीक की
मदद से जमीन का जियोटैग किया जाएगा |
इसके बाद सर्वेक्षण के
माध्यम से भूमि की सीमा का भौतिक सत्यापन और माप किया जाएगा |
एकत्रित किए गए रिकॉर्ड्स
को भूमि रिकॉर्ड मैनेजमेंट सिस्टम में दाखिल किया जाएगा |
इसके बाद सिस्टम अपने आप
भू-खंड के लिए 14 अंकों की भू-आधार
संख्या तैयार करेगा, जो
डिजिटल रिकॉर्ड से जुड़ा होगा |
भू-आधार से लाभ
जमीनी विवादों का निवारण:
भू-आधार से भूमि से जुड़े विवाद खत्म होंगे और मालिकाना हक स्पष्ट होगा |
आसान भूमि पहचान: 14 अंकों की विशिष्ट पहचान संख्या से भूमि की पहचान आसान होगी |
डिजिटल भूमि रिकॉर्ड:
जीआईएस मैपिंग और डिजिटल रिकॉर्ड्स से भूमि अभिलेखों का सुरक्षित प्रबंधन संभव
होगा |
सरकार की वित्तीय सहायता:
राज्य सरकारों को इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी |
महत्वपूर्ण लिंक्स
आधिकारिक भू-आधार वेबसाइट
भूमि रिकॉर्ड मैनेजमेंट सिस्टम जीआईएस मैपिंग जानकारी
भू-आधार लागू होने की समय
सीमा
सरकार ने इस योजना को अगले
तीन सालों में लागू करने का लक्ष्य रखा है |
इस दौरान, राज्य सरकारों को वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाएगी ताकि
इस प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया जा सके |
Meta Description: भारत
में भूमि की पहचान के लिए भू-आधार कार्ड की शुरुआत हो रही है |
जानिए कैसे यह 14 अंकों की विशिष्ट पहचान संख्या भूमि विवादों को खत्म करेगी
और भूमि रिकॉर्ड्स को डिजिटल बनाएगी |
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